नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय शोध व प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो.ललित तिवारी ने मानव संसाधन विकास केंद्र कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम (एफ आई पी) में दो व्याख्यान दिए।
प्रो. तिवारी ने कहा कि पृथ्वी अपने अंदर सभी गुणों को समाहित किए हुए हैं, ये हम सब का दायित्व है कि सतत विकास के लिए इसको संरक्षित रखें तथा अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। जैवविविधता पर्यावरण व औषधीय पौंधे विषय पर दिए गए व्याख्यान में उन्होंने कहा कि विश्व में लगभग 14 बिलियन डॉलर का व्यवसाय औषधीय पौंधे का हो रहा है। तथा विश्व में 50हजार से 80हज़ार औषधीय एवम सुगंध पौंधे पांए जाते है जिसका 80%दोहन जंगलों से होता है।भारत में 44% औषधीय पौंधे मिलते है,उत्तराखंड में 4700 अरवृत बीजों में से 250 प्रजातियां व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2050तक औषधीय पौंधे का कारोबार 5ट्रिलियन डॉलर तक हो जाएगा जो प्रतिवर्ष 7 %की वृद्धि दर्शाता है।प्रो तिवारी ने हल्दी , तुलसी , एलोवेरा,नीम, हत्थाजड़ी,वज्रदंती, चुक, सतवा, अतीस,अमलतास तथा हरड़ के उपयोग भी बताए।