नैनीताल : लेकब्रिज चुंगी का कब्जा लेने पहुँची पालिका की टीम दूसरे दिन भी विरोध के बाद लौटी बैरंग

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नैनीताल। नगर की लेकब्रिज चुंगी और सभी पार्किंग स्थलों के ठेकों को बिना टेंडर के एक वर्ष आगे बढ़ाए जाने के मामले में हाई कोर्ट का नगरपालिका के हित में फैसला आने के बाद भी पालिका हाई कोर्ट के निर्णय का अनुपालन करवाने में पालिका दूसरे दिन भी विफल रहीं। लगातार दूसरे दिन पालिका अनुबंधित ठेकेदार से लेकब्रिज चुंगी को अपने कब्जे में नहीं ले सकी। शनिवार को ईओ अशोक कुमार के नेतृत्व में लेक ब्रिज चुंगी को अपने कब्जे में लेने पहुंची नगरपालिका टीम को ठेकेदार व व्यापारियों का भारी विरोध झेलने के बाद मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।
तो वहीं इस मामले में लेकब्रिज चुंगी ठेकेदार ने हाईकोर्ट के पूर्व निर्णय को लेकर डबल बेंच में विशेष अपील दायर की है।
बता दें कि पालिका द्वारा 25 मार्च को बोर्ड बैठक आयोजित कर लेक ब्रिज और समस्त पार्किंग स्थलों को बिना ठेका किए 20 प्रतिशत बढ़ाकर एक वर्ष के लिए पुराने ठेकेदारों को ही देने का प्रस्ताव पास किया गया था। जिसके बाद मामला कोर्ट पहुँचा तो हाईकोर्ट ने पालिका के निर्णय को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए पालिका को सभी पार्किंग और चुंगी को अपने कब्जे में लेने के निर्देश दिए गए थे।
वहीं चुंगी ठेकेदार का कहना है की एक दिन पूर्व ही पालिका को पूर्व में किए गए 81 लाख का भुगतान वापस करने और चुंगी कब्जे में लेने की बात कही गई थी। मगर अब तक उन्हें धनराशि नहीं लौटाई गई है। उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल को हाईकोर्ट के निर्णय को लेकर उन्होंने डबल बेंच में विशेष अपील दायर की है। संभवत चार मई तक इसमें सुनवाई हो जाएगी। ठेकेदार की ओर से तहसीलदार की मौजूदगी में पालिका ईओ को पत्र सौंपते हुए सुनवाई के बाद अथवा धनराशि लौटाने के बाद ही पार्किंग पर कब्जा लेने की बात कही। जिसके बाद पालिका टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। ईओ अशोक वर्मा ने बताया कि मामला डबल बेंच में पहुंचने के बाद पालिका अधिवक्ता से इस संबंध में विधिक राय ली जाएगी। जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान तहसीलदार नवाजिश खलिक, प्रभारी टीएस सुनील खोलिया, टीआई हिमांशु चंद्रा, मोहन चिलवाल, दीपराज, मल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष किशन नेगी, राजेश वर्मा, अमनदीप सिंह, गोपाल बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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