नैनीताल। सूबे के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शुक्रवार को पहली बार नैनीताल राजभवन पहुंचे थे,इस मौके पर जिला सूचना विभाग द्वारा सभी पत्रकारों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया था,जिसके बाद राजभवन पहुंचे पत्रकारों के साथ वहां मौजूद आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल द्वारा अभद्रता की गई ,और सभा कक्ष में पत्रकारों को जाने से रोका गया,इतना ही नही मामले में जब वरिष्ठ पत्रकार डॉ नवीन जोशी द्वारा आपत्ति जताई गई और कहा गया कि पत्रकार वार्ता बैठकर होनी चाहिए तो रचिता जुयाल ने न केवल पत्रकारों से अभद्रता की बल्कि सुरक्षा कर्मियों से पत्रकारों को बाहर निकालने का फरमान भी जारी किया।इस पूरी घटना से नाराज पत्रकारों ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कल पत्रकार वार्ता को न करने का निर्णय लिया,जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और जिला प्रशासन से लेकर राज्यपाल और उत्तराखंड सरकार तक ये मामला पहुंच गया। गुरुवार को देर शाम आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने मामले को बढ़ता देखकर वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी को फ़ोन पर खुद को पत्रकारों की बहन कहकर मामले को शांत करने के लिए कहा,लेकिन पत्रकारों का गुस्सा शांत नही हुआ। इस मामले पत्रकारों ने अपने साथ हुई अभद्रता पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक कहा कि आईपीएस अधिकारी द्वारा पत्रकारों के साथ कि गयी अभद्रता न केवल निंदनीय है बल्कि ये संविधान के अनुच्छेद 19 का भी घोर उलंघन है। इस मामले सभी पत्रकारों ने डीआईजी डॉ नीलेश आनंद भरणे के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है।
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