ब्रिटिश कालीन निर्मित डैम की दरारें होंगी ठीक, लगेंगे हाईटेक उपकरण 

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भीमताल 1880 निर्मित ब्रिटिश कालीन डैम में पड़ी दरारें जल्द ठीक करायी जाएंगी l भूकंप आने पर डैम को कोई नुकसान तो नहीं पहुँचा इसका पता लगाने के लिए भी हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे. स्थानीय लोग इस मुद्दे को पिछले दो दशक से बार-बार उठा रहे थे, साथ ही नगर के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने दो बार डैम की मांग पर पी.एम.ओ. से उत्तराखंड मुख्य सचिव को मामले पर जाँच के निर्देश कराए थे साथ ही केंद्र से गठित छः सदस्यीय टीम ने भीमताल डैम का निरीक्षण किया था. उनके द्वारा हाल में भूकंपीय स्थिति पर भी मुख्य सचिव उत्तराखंड को डैम संबंधी स्थिति से पत्र द्वारा अवगत कराया गया था.  इसके लिए सिंचाई विभाग द्वारा 1.99 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर सिंचाई निदेशालय भेजा जा रहा है.  गठित डैम सेफ्टी रिव्यू पैनल टीम की ओर से वर्ष 2021 में भीमताल डैम में निरीक्षण के बाद तैयार की गई रिपोर्ट पर सिंचाई विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. अंग्रेजों ने उस वक्त डैम की आयु 100 साल आंकी थी आज यह डैम 142 वर्ष पुराना हो गया है l डैम की बढ़ती उम्र, डैम में पड़ी दरारें एवं उनसे पानी का रिसाव स्थानीय लोगों की मुख्य चिंता का कारण बना रहता है. सिंचाई विभाग एस.डी.ओ. दिनेश सिंह रावत ने बताया कि डैम की सुरक्षा एवं आवश्यक निर्माण के लिए  1.99 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है.

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