नैनीताल जनपद की डीएम वंदना सिंह ने पशु पालन विभाग, नगर निकाय, राजस्व विभाग, जिला पंचायत और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे अगले दो दिनों तक वृहद अभियान चलाकर सड़कों के किनारे घूम रहे लावारिस पशुओं को पकड़ कर गोशालाओं में भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी एसडीएम को भी निर्देश दिए कि वे अपने अपने क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे गोसदन का पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकरण कराएं और इसकी सूची जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें पंजीकरण के पश्चात जरूरी सहायता और अनुदान दिलाया जा सके।
डीएम कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में गठित पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति पशुओं को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचा रहा हो तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो। डीएम ने कहा कि शहर में घूम रहे ऐसे लावारिस पशु जिनमें टैग के माध्यम से पशु स्वामी की पहचान सुनिश्चित हो जाती है तो उसके खिलाफ अधिनियम के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाए। नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में लावारिस छोड़े गए पशुओं को गो सदन भेजने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उधर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. बीएस जंगपांगी ने बताया कि जिले में लावारिस गोवंश के लिए आठ गोशालाएं हैं। जिनमें दो पंजीकृत व छह अपंजीकृत हैं। इन गोशालाओं में वर्तमान में 1414 गोवंशीय पशुओं को रखा गया है। बताया कि पशु कल्याण बोर्ड की ओर से गोशाला सहायता अनुदान के रूप में जिले को 262.88 लाख रुपये की पहली किस्त मिली है। जिसे संबंधित गोशालाओं को आवंटित किया जाएगा। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सकों के भ्रमण का रोस्टर तैयार करने, शिविर लगाकर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने और विभागीय योजनाओं की जानकारी पशुपालकों को देने के भी निर्देश दिए। वही डीएम ने चोरगलिया, हल्दूचौड़, मालधन चौड, कालाढूंगी, भवाली व बेतालघाट आदि क्षेत्रों में गोशाला के लिए चिह्नित भूमि की डीपीआर निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए संबंधित प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी एसडीएम को अपने अपने क्षेत्र में प्रस्तावित एवं आवश्यकतानुसार गोशाला निर्माण के लिए चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट देने को भी कहा।