आख़िरकार भारत में 6 अक्टूबर, 1860 में ‘ताजी-रात-ए हिंद’ यानी इंडियन पीनल कोड की शुरुआत हुई। वर्ष 2021 में इस सिस्टम को अपनाए पूरे 160 साल हो चुके हैं। भारत में आज भी आईपीसी की बहुत सी धाराएं वहीं हैं, जो 160 साल पहले हुआ करती थीं। इस दौरान अंग्रेज़ों ने आईपीसी बनाने के साथ ही दिल्ली में 5 थाने भी बनाये थे। इनमें कोतवाली, सदर बाज़ार, सब्जी मंडी, महरौली और मुंडका (नांगलोई) शामिल थे।
भारतीय पुलिस विभाग के पुराने रिकॉर्ड्स के मुताबिक़, ‘इंडियन पीनल कोड’ सिस्टम के तहत देश की पहली एफ़आईआर (India’s First FIR) 18 अक्टूबर, 1861 को दिल्ली के ‘सब्जी मंडी थाने’ में दर्ज की गई थी। इस दौरान कटरा शीशमहल निवासी मयुद्दीन, पुत्र मुहम्मद यार ख़ान ने चोरी की FIR दर्ज कराई थी।
इस FIR के मुताबिक़,17 अक्टूबर की रात मयुद्दीन के घर से 3 डेगचे, 3 डेगची, 1 कटोरा, 1 कुल्फी बनाने का फ्रेम, 1 हुक्का और घर की औरतों के कपड़े चोरी हो गये थे। इस दौरान चोरी हुए सामान की क़ीमत उस समय 45 आने थी। 16 आने का 1 रुपया होता है। इस हिसाब से ये क़रीब 2 रुपये 70 पैसे की चोरी हुई।
वर्ष 2017 में दिल्ली पुलिस ने ‘खास है इतिहास’ टैगलाइन के साथ अपने ट्विटर हैंडल से इस रोचक जानकारी को साझा किया था। इस दौरान पुलिस विभाग ने तारीख के साथ-साथ उस पहली FIR की फ़ोटो भी शेयर की थी। 18 अक्टूबर, 1861 को दर्ज की गई ये FIR उर्दू में लिखी गई थी।