नैनीताल: जैव प्रौद्योगिकी पटवाडांगर में जल स्रोतों की गुणवत्ता व सुरक्षा पर प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन

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नैनीताल: नैनीताल के पटवाडांगर में राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) व उत्तराखण्ड जल संस्थान, देहरादून सहित उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् जैव प्रौद्योगिक संस्थान के सहयोग से प्रदेश के जल स्रोतो की गुणवत्ता एवं जल सुरक्षा पर उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा पटवाडांगर मे राजकीय इंटर कॉलेज पटवाडांगर, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, डी0एस0बी परिसर, बिरला इन्स्टीट्यूट भीमताल, चिराग संस्था के छात्र-छात्राओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के निदेशक डॉ राजेन्द्र डोभाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। कार्यक्रम के दौरान पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ वीर सिंह ने पानी को जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक बताया। उन्होनें विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए बताया कि जीवन जीने के लिए न्यूनतम 5 से 7 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। पानी मानव मे ऊर्जा तंत्र को संचालित करता है जिससे समस्त मेटाबोलिक क्रियाएं कार्य करती है इसलिए पानी की गुणवत्ता व सुरक्षा बेहद जरूरी है। पानी सुरक्षित है तो हमारी खाद्य श्रृंखला भी सुरक्षित रहेगी।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि वं टेरी संस्थान दिल्ली के पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर विनय शंकर प्रसाद सिन्हा ने बताया कि स्वच्छ पानी अच्छे स्वास्थ्य का परिचायक है। प्रोफेसर सिन्हा ने उत्तराखंड के जल स्रोतों के प्रदूषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अतिरिक्त कार्यशाला समन्वयक एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रशान्त सिंह ने जल स्रोतो की गुणवत्ता व सुरक्षा पर छात्रों को बताया कि अब तक प्रदेश के जल गुणवत्ता प्रयोगशालाओं को एन.ए.बी.एल. प्रमाणीकरण पर तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होनें बताया कि पानी की आवश्यकता जन्म से मृत्युपर्यतं रहती है तथा पेयजल में अशुद्धता ही विभिन्न बीमारियों का कारण बनती है। उत्तराखण्ड की जल गुणवत्ता लैब की एन.ए.बी.एल. प्रक्रिया की छात्रों को जानकारी दी।
बायोटेक हल्दी मुख्यालय के डा0 मणिन्द्र मोहन शर्मा ने अपने व्याख्यान में जल को जीवन का आधार बताते हुए तराई के विभिन्न जलस्रोतो जैसे नलकूप, आर्टीजन, टैपवाटर, वाटर कूलर इत्यादि की जल गुणवत्ता व माइक्रोबियल डायवर्सिटी पर प्रकाश डाला। स्थानीय समन्वयक एवं उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद्, पटवाडांगर के प्रभारी डॉ सुमित पुरोहित ने प्रतिभागियों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया।
इस दौरान प्रो आर एस रावत, प्रो मनोज कुमार, डॉ नेत्रपाल शर्मा, डॉ चंद्रशेखर आजाद, डा सामर्थ तिवारी, आरती बिष्ट, शीतल ओली, मुकुल कार्की, सचिन गुनिया, शिवानी बलोदी, नीतू भारद्वाज, अजय सिंह हिम्मत सिंह एवं राहुल भारद्वाज मौजूद रहे।

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