नैनीताल: भारत की संस्कृति की देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी अपनी अलग पहचान है :- शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद

Spread the love

नैनीताल। गोवर्धन मठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य
स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज का कहना है कि भारत की संस्कृति की देश ही नहीं बल्कि दुनियां में भी अपनी अलग पहचान है इसलिए हम सबको चाहिए कि हम अपनी संस्कृति को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करें। शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज ने उक्त उद्गार सोमवार को नैनीताल क्लब स्थित शैले हाल में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर व्यापार करने वाले लोगों की अधिक दिन तक नहीं चलती है। इसलिए अपने धर्म का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार होना चाहिए। एक सवाल के जबाव में
उन्होंने कहा कि पशुओं की रक्षा करना भी हमारा धर्म होना चाहिए। देवस्थानम बोर्ड के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें इस बारे में राय ली गयी थी जिस पर उन्होंने विस्तार से 32 बिन्दुओं का पुलिंदा भेजा था जिस पर अधिकांश बिन्दुओं पर उन्होंने सहमति भी जतायी। पृथ्वी में पेड़ पौधों की रक्षा के सवाल पर महाराज ने कहा कि इनकी रक्षा करना भी हम सबका परम कर्तत्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में जो भी मंदिरों तथा मठ स्थापित हैं उनका अधिक से अधिक
उपयोग समाज के नव निर्माण में होना बेहद जरुरी है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में जरुरत इस बात की है कि धर्म का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए कहा कि धर्म के साथ ही शास्त्रों के मुताबिक चलने वाले लोग ही आगे बढ़ते हैं। महाराज के संबोधन के बाद भक्तजनों की ओर से महाराज की तरण पादुकाओं को स्पर्श कर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया।

इस मौके पर किशन सिंह नेगी, भगवान सिंह, भीम सिंह कार्की, सुरेश चंद्र मेलकानी, दया बिष्ट, मंजू रौतेला, ईशा साह, चंचला बिष्ट, शैलेंद्र साह, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, कुंदन सिंह नेगी, हरीश सिंह राणा, मोहन पाल, आयूष भंडारी तथा रमेश चंद्र जोशी समेत
कई भक्तजन मौजूद थे।

error: Content is protected !!