नैनीताल : हिंदू पंचाग सार्वभौमिक व वैज्ञानिक कैलेंडर है, जो सौर व चंद्रमा पर आधारित है :- प्रो. ललित तिवारी

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नैनीताल। श्री विक्रम संवत् 2079 शाके 1944 सन 2022- 23 हिजरी सन 1442- 43 नव वर्ष प्रतिपदा चैत्र मास के रूप में 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हुआ है। इस दिवस को भारतीय नव वर्ष कहा जाता है ।हिंदू पंचांग सार्वभौमिक एवं वैज्ञानिक कैलेंडर है यह सौर एवं चंद्रमा की गणना पर आधारित है । संवत्सर का नाम नल है जिसका राजा सनी तथा मंत्री गुरुदेव बृहस्पति है । पूरे वर्ष में चैत्र ,वैशाख,ज्येष्ठ आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद अश्विन, कार्तिक, मार्गशीष, पौष, माघ, फागुन माह में विभक्त किया जाता है। मान्यता है की इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण प्रारंभ किया था संवत्सर का प्रथम दिन तथा चैत्र मास का प्रारंभ दिवस है। भगवान श्री राम का राज्य अभिषेक इसी दिन हुआ। विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत् का प्रारंभ इसी दिन से किया था । धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक, संत झूलेलाल जी का जन्मदिवस तथा महर्षि दयानंद ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की। बसंत ऋतु की बहार का दिन है जो उल्लास उमंग, खुशी के साथ पुष्प की सुगंध से भी भरी होती है। यह दिवस फसल पकने का दिवस भी है इस दिन नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं यहां से नवीन कार्य किया जा सकता है। यह दिवस चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन है इस दिन से नवरात्रि नवदुर्गा पूजन प्रारंभ होते हैं तथा शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा ,कुष्मांडा, स्कंदमाता कात्यानी ,कालरात्रि ,महागौरी तथा सिद्धिदात्री का पूजन प्रारंभ है। यह दिवस ऊर्जा संचार के साथ सांस्कृतिक संरक्षण एवं स्पूर्ति , हर्ष एवं प्रेम का दिन है

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