नैनीताल: उपलब्धि! कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के एचआरडीसी सेंटर को मिला देश में चौथा स्थान

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नैनीताल। यूजीसी की स्थायी समिति ने बीते वर्ष के दौरान किये गए प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए देश भर के एचआरडीसी की लिस्ट जारी की है। स्थायी समिति की समीक्षा प्रत्येक एचआरडीसी द्वारा किये गए स्व-मूल्यांकन और समिति के समक्ष ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण पर आधारित थी। समिति द्वारा एचआरडीसी को चार समूहों में वर्गीकृत किया गया था अर्थात उच्च प्रदर्शन, मध्यम प्रदर्शन, कम प्रदर्शन और गैर-निष्पादक / डेटा की अपर्याप्तता।
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वर्ष 1987 में उच्च शिक्षा के शिक्षकों के प्रशिक्षण लिए देश भर में अकादमिक स्टाफ कॉलेज की स्थापना की गई थी। वर्तमान में देश में 66 अकादमिक स्टाफ कॉलेज स्थापित किये गए हैं जिन्हें 2014 से यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र के नाम से जाना जाता है। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में वर्ष 2006 में एकेडमिक स्टाफ कॉलेज की स्थापना की गई जो वर्तमान में उच्च शिक्षा के शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु उत्तराखंड राज्य का एकमात्र संस्थान है।
यूजीसी द्वारा जारी इस सूची में प्रथम स्थान यूनिवर्सिटी ऑफ़ केरला, द्वितीय स्थान अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एवं तृतीय स्थान मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद ने प्राप्त किया है। इस वर्ष देश की कई जानी-मानी यूनिवर्सिटियों को पीछे करते हुए कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने २६वें स्थान से छलांग लगाते हुए चौथे स्थान को प्राप्त किया है।
बताते चलें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में किये प्रयास के बलबूते उच्च शैक्षिक संस्थानों की नैशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2021 (NIRF 2021) में फार्मेसी कैटेगिरी में 58वां स्थान एवं क्यूएस एशिया रैंकिंग में भी 551-600 स्थान मिला है। इसी के साथ इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से कराए गए सर्वे में भी कुविवि को प्रदेश में पहला एवं देश में 27वां स्थान मिला है।
विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता और राष्ट्रीय पहचान हमारी प्रतिभाशाली फैकल्टी, समर्पित एवं ईमानदार गैर-शिक्षण सहयोगियों के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। कुलपति प्रो.जोशी ने कहा कि सामुहिक प्रयासों से विश्वविद्यालय लगातार उच्च शिक्षा के शीर्ष केंद्र के रूप में उभरने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। 

इस उपलब्धि पर यूजीसी एचआरडीसी सेंटर की निदेशक प्रो. दिव्या उपाध्याय जोशी ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि ये प्रारंभिक सफलता है और अभी रैंकिंग के पहले पायदान में आने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं जिसके लिए कई अभिनव प्रयोग एचआरडीसी सेंटर द्वारा किए जा रहे हैं।

सहायक निदेशक डॉ.रितेश साह ने कहा कि यह मानव संसाधन विकास केंद्र के कार्मिकों, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का योगदान है साथ ही देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के रिसोर्स पर्सन का भी इस उपलब्धि में योगदान रहा है।

इस अवसर पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा, निदेशक डीएसबी परिसर प्रो. एलएमजोशी, निदेशक शोध एवं प्रसार प्रो.ललित तिवारी, निदेशक आईक्यूएसी प्रो.राजीव उपाध्याय, निदेशक डीआईसी प्रो.संजय पंत, उप कुलसचिव श्री दुर्गेश डिमरी, विधान चौधरी, प्रकाश पांडेय्, नवीन पनेरू समेत कूटा के सदस्यों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बधाई एवं शुभकामनायें दी गई ।

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