नैनीताल। सरोवर नगरी में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। दिवाली के इस पावन पर्व को पारंपरिक तौर पर मनाया गया, लोगों ने अपने अपने घरों में गन्ने से मां लक्ष्मी की प्रतिमा बनाई और दीपावली यानी महालक्ष्मी के दिन पूजा अर्चना की।
मां लक्ष्मी की मूर्ति गन्ने से इसलिए बनाई जाती हैं, क्योंकि गन्ना बहुत मीठे के साथ शुद्ध होता है व भगवान गणेश का भी प्रिय होता है, इसीलिए दीवाली वाले दिन गन्ने से बनी लक्ष्मी की पूजा की जाती है जो धन सम्पदा का प्रतीक मानी जाती है, साथ ही साथ चावल को सिलबट्टे पर पीसकर घोल बनाया जाता है इसके पश्चात गेरु पर विभिन्न प्रकार की ऐपण चौकिया और मां लक्ष्मी के पांव इत्यादि बनाए जाते हैं।
इसके साथ ही समूचे नैनीताल में जमकर आतिशबाजी हुई जिससे पूरे नगर में धुंध छा गई। वही विभिन्न जगहों से सरोवर नगरी घूमने पहुंचे सैलानियों ने भी जमकर आतिशबाजी का लुफ्त उठाया।
गली मोहल्लों में छोटे-छोटे बच्चों ने अनार व फुलझड़ी जलाकर खूब मस्ती की देर शाम तक तल्लीताल तथा मल्लीताल में पटाखों की दुकानों में खरीदारी के लिए लोगों की खूब भीड़ उमड़ी रहीं। लोगों ने जमकर पटाखों की खरीददारी की।
दीपावाली अवकाश के चलते पर्यटकों की संख्या बड़ी
नैनीताल। दीपावली पर्व पर पड़ी कई दिनों की छुट्टियों के बाद अन्य शहरों से भारी संख्या में पर्यटक सरोवर नगरी पहुंचे हैं,जिससे पूरा शहर सैलानियों से गुलजार हैं। जिससे पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं। शहर के पर्यटन स्थल पूरी तरह सैलानियों से गुलजार हैं,तो होटल व्यवसाइयो के लिए भी यह दीवाली उपहार लेकर आई। लंबी छुट्टी के बाद पर्यटकों की बढ़ी आमद से कारोबारी खुश हैं।