नैनीताल: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनेताओं के साथ- साथ शिक्षक भी पढ़ाई छोड़ कर अपना भविष्य राजनीति की तलाश में लगे हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी कॉलेज के कृषि विभाग के प्रोफ़ेसर जीतराम थराली विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। और प्रोफेसर जीत राम मार्च 2022 तक छुट्टी पर है जिस वजह से बीएससी एग्रीकल्चर के छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। प्रोफ़ेसर जीतराम इससे पहले भी नवम्बर माह से कई बार लंबी छुट्टियों पर आते जाते रहे हैं।
तो वही डीएसबी कॉलेज नैनीताल के ही इतिहास विभाग में क्यूरेटर के पद पर तैनात डॉ. भुवन चंद्र आर्य नैनीताल विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रत्याशी हैं और लंबे समय से नैनीताल के विभिन्न विधानसभाओं में अपनी तैयारी कर रहे हैं। यही कारण है कि कई शिक्षक लंबे समय से अपने कॉलेजों से नदारद हैं जिससे छात्रों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है इसके अतिरिक्त दर्जन भर से अधिक ऐसे प्रोफ़ेसर हैं जो सक्रिय रूप से राजनीतिक दलों से जुड़े हैं और समय-समय पर राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में शिरकत करते रहते हैं
डीएसबी कॉलेज के प्रोफेसर ललित तिवारी, प्रोफेसर जीतराम( पूर्व विधायक थराली), डॉ महेश राणा, डॉ राजीव उपाध्याय डॉक्टर एचपी चंदोला डॉ अजय अरोड़ा डॉ अशोक कुमार, प्रोफेसर एमसी जोशी, प्रोफेसर अनिल बिष्ट समेत अन्य शिक्षक सक्रिय राजनीति में हैं। जबकि कई प्रोफ़ेसर कुमाऊं विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिन्होंने शिक्षा के कार्य के साथ-साथ अपना अहम समय उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश की राजनीति में दिया जिनमें से एक नाम है प्रोफेसर विष्णु सहाय का जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा था। इसके अलावा प्रोफेसर संजय टम्टा ने बहुजन समाजवादी पार्टी के बैनर तले अल्मोड़ा से विधायक का चुनाव लड़ा। इसके अलावा कुमाऊ के सभी कॉलेज और महाविद्यालयों में कई प्रोफेसर बीजेपी व कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रों में सक्रिय राजनीति में जुड़े हुए हैं।