शैक्षणिक सत्र 2022-23 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे विद्यार्थियों के प्रवेश शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक एवं रोजगारपरक शिक्षा के कार्यक्रमों को मुख्यधारा की शिक्षा में किया जायेगा शामिल – कुलपति प्रो. एनके जोशी

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नैनीताल। लाल बहादुर शास्त्री सभागार, हल्द्वानी में कुमाऊँ विश्विद्यालय नैनीताल एवं एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी द्वारा संयुक्त रूप से “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” विषयक एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति कुमाऊँ विश्विद्यालय प्रो.एनके जोशी, विशिष्ट अतिथि निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. संदीप कुमार, विशिष्ट अतिथि अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्या, प्राचार्य एमबीपीजी कॉलेज प्रो. एनएस बनकोटी एवं निदेशक डीआईसी प्रो. संजय पंत द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में उपस्थित उत्तराखंड राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य, प्रवेश एवं परीक्षा समिति के प्रभारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता कुलपति कुमाऊँ विश्विद्यालय प्रो. एनके जोशी ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य शिक्षा संस्थानों में व्यावसायिक एवं रोजगारपरक शिक्षा के कार्यक्रमों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों को व्यापक और बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके साथ ही मल्टीपल एंट्री और एग्जिट प्वाइंट का विकल्प भी रखा गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक स्तर के लिए कामन मिनिमम सिलेबस तैयार कर विश्वविद्यालय के वेबसाइट में अपलोड कर दिया गया है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. जोशी ने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रवेश एवं परीक्षा के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० के उत्तराखंड राज्य में क्रियान्वयन का रोडमैप भी प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. संदीप कुमार ने कार्यशाला के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पूर्व प्रचलित विषय विभाजन की बजाय शैक्षिक विषयों में अन्तर्सम्बन्ध एवं व्यवहारिकता बल दिया गया है जिससे विद्यार्थी अपनी अभिरुचि के अनुरूप विषय का चयन कर सकें। निदेशक प्रो.संदीप कुमार ने इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य में नई शिक्षा नीति के सम्पूर्ण क्रियान्वयन हेतु शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत एवं पाठ्यक्रम निर्धारण समिति के चेयरमैन एवं कुलपति प्रो. एनके जोशी के प्रयासों की सराहना भी की।

कार्यशाला के द्वितीय सत्र में कुमाऊँ विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति के संयोजक एवं निदेशक डी०आई०सी० प्रो. संजय पंत द्वारा अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से नई शिक्षा नीति के अनुरूप अपनाई जा रही प्रवेश प्रक्रिया को समझाया गया एवं उपस्थित प्रवेश एवं परीक्षा समिति के प्रभारियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।

इससे पूर्व एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी की बी०एड० की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी गई एवं आयोजक सदस्यों द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत शॉल ओढ़ाकर किया गया।

कार्यक्रम का सञ्चालन कार्यशाला के मुख्य संयोजक डॉ. नवल लोहनी द्वारा किया गया। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रवेश एवं परीक्षा के नियमों/प्रारूपों की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकें इसलिए कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों में किया गया जिसमें गढ़वाल एवं कुमाऊँ के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य, निदेशक, प्रवेश प्रभारी, परीक्षा प्रभारी एवं शिक्षक ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।

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