प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद पांच महिला अधिकारी हुई आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल

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चेन्नई: भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों को आर्टिलरी रेजिमेंट में अनुमति देकर महिलाओं की भूमिका का विस्तार किया है. अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) चेन्नई में आज प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद पांच महिला अधिकारी आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल हो गई हैं. इन युवा महिला अधिकारियों को सभी प्रकार की आर्टिलरी इकाइयों में तैनात किया जा रहा है, जहां उन्हें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रॉकेट, मीडियम, फील्ड और सर्विलांस एंड टारगेट एक्विजिशन (SATA) और उपकरणों को संभालने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और एक्सपोजर मिलेगा.

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, पांच महिला अधिकारियों में से तीन उत्तरी सीमाओं पर तैनात इकाइयों में और अन्य दो पश्चिमी थिएटर में चुनौतीपूर्ण स्थानों पर तैनात हैं. इस समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल अदोष कुमार, कर्नल कमांडेंट और आर्टिलरी के महानिदेशक (नामित) सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, अन्य गणमान्य व्यक्तियों और नए कमीशन अधिकारियों के गर्वित परिवार के सदस्यों ने भाग लिया.

The First Batch of Women Officers Commissioned into the Regiment of Artillery of the Indian Army

Five Women Officers today joined the Regiment of Artillery after the successful completion of training at the Officers Training Academy (OTA), Chennai. pic.twitter.com/Wkd8hLk44m

— ANI (@ANI) April 29, 2023

इन महिला अधिकारियों को दिया गया कमीशन
लेफ्टिनेंट महक सैनी को एक SATA यानी सर्विलांस एंड टारगेट एक्विजिशन रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे और लेफ्टिनेंट अदिति यादव को फील्ड रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट पवित्र मुदगिल को एक मीडियम रेजिमेंट में और लेफ्टिनेंट आकांक्षा को एक रॉकेट रेजिमेंट में कमीशन दिया गया है. बता दें कि पासिंग आउट परेड के समापन के बाद युवा महिला कैडेटों ने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली और अपना रैंक प्रतीक चिन्ह प्राप्त किया. यह आर्टिलरी रेजिमेंट में उनके प्रवेश का प्रतीक था.

भारत माता की सेवा करने के लिए महिलाये बाधाओं को तोड़ रही हैं
आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की कमीशनिंग भारतीय सेना में चल रहे परिवर्तन का एक प्रमाण है, जब इस साल जनवरी में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने महिला अधिकारियों को आर्टिलरी में कमीशन देने के फैसले की घोषणा की थी. इस महत्वपूर्ण घटना ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की यात्रा में एक प्रमुख मील का पत्थर चिह्नित किया, जो अपने देश की वीरता और विशिष्टता के साथ सेवा करने के लिए बाधाओं को तोड़ रही हैं.

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