नैनीताल : पेड़ो के अवैध कटान पर 72 घंटे के अंदर कार्रवाई न करने पर सभासद जगाती ने डीएफओ को दी आत्मदाह की चेतावनी

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नैनीताल। नगर के आयारपाटा क्षेत्र में नजूल भूमि पर लगे 8 काकीस के पेड़ों को वन माफियाओ द्वारा काटने का मामला सामने आया हैं। जिसपर आयारपाटा क्षेत्र के सभासद मनोज साह जगाती व क्षेत्र के लोगों ने एकत्र होकर वन विभाग के खिलाफ जमकर हंगामा काटा। बुधवार की सुबह क्षेत्र के निवासी कमल सिंह द्वारा इसकी सूचना सभासद मनोज शाह जगाती को दी गई जिसके बाद तत्काल मौके पर पहुंच कर जगाती ने घटना का जायजा लेकर डीएफओ टीआर बिजूलाल को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद डीएफओ बिजूलाल मौके पर पहुंचे और क्षेत्र का जायजा लिया। जिसके बाद डीएफओ बिजूलाल ने कोतवाली में संबंधित अधिकारियों को मुकदमा पंजीकृत कराने का आदेश दिया। इसके साथ ही मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए कार्यालय में संबंधित अधिकारियों और प्रशासन के अधिकारियों के साथ डीएफओ बिजूलाल ने घटना को लेकर बैठक भी ली। फिलहाल घटना को अंजाम देने वाले लोगों का पता नहीं लग पाया है विभागीय कर्मचारी घटना को अंजाम देने वालों के विरुद्ध तार जोड़ने में जुट गए है। 
गौरतलब हो की शहर में लगभग 20 दिनों के अंदर पेड़ काटने की यह तीसरी घटना हुई है, जिससे  पर्यावरण प्रेमी बेहद आक्रोशित है। इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी, फॉरेस्टर रणजीत सिंह थापा, दिनेश आर्य सहित अन्य विभागीय कर्मचारी मौजूद रहें।

 आयारपाटा वार्ड के सभासद मनोज शाह जगाती ने डीएफओ बिजूलाल को दोषियों, संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए 72 घंटे का समय दिया है । जगाती ने कहा की यदि 72 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं की गई और घटना को अंजाम देने वालों पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो वह आत्मदाह कर लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने शहर में गस्त बढ़ाने की भी मांग की है।

उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और स्थानीय निवासी प्रदीप उप्रेती ने कहा की उनके द्वारा गुरूवार को इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी और संबंधित विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब मांगा जाएगा। वहीं पेड़ काटने वालो के खिलाफ सख्त सजा की मांग की जाएगी।


फॉरेस्टर और सभासद के बीच घटनास्थल पर हुई गहमागहमी
घटनास्थल पर मनोज शाह जगाती और वन विभाग के फॉरेस्टर थापा के बीच गहमागहमी भी हुई। पर्यावरण प्रेमी और सभासद जगाती का कहना था विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से वन माफिया घटना को अंजाम दे रहे है और सिर्फ जुर्माना लगाकर क्लीन चिट दे दी जाती है। जिससे उनके हौसले और बुलंद हो रहे हैं। जिसपर उन्होंने कहा की ऐसी घटना को अंजाम देने वाले लोगों पर मुकदमा पंजीकृत होना चाहिए।

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