नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध एवं प्रसार निदेशक प्रो.ललित तिवारी ने राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय रामनगर द्वारा आयोजित औषधीय पौधे रोजगार एवं अवसर कार्यक्रम में ऑनलाइन व्याख्यान दिया । 7 मार्च को जन औषधि दिवस मनाया जाता है। कार्यशाला में प्रो.तिवारी ने कहा कि भारत में ७५०० पौधे औषधि गुण से भरे हुए है जबकि भारतीय हिमालय क्षेत्र में १७४८ तभी उत्तराखंड में ७०१ जिसमें से २५० का उत्तराखंड से व्यापार होता है ।विश्व की आर्थिकी के साथ साथ हिमालय राज्यों के पर्वतों में मेडिसिनल प्लांट्स की खेती की जा सकती है। प्रो.तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है जिससे आर्थिकी में बढ़ोतरी की जा सकेगी। उन्होंने अतीस कूट हट्ठाजारी सतुआ मैदा महामेद्दा बज्रदंती नैरपति हरर बहेरा ईसबगूल कुमारी सूनपत्ता अश्वगंधा पीपली तुलसी बैल अपामार्ग सतावर पुनर्नवा साथपर्णी गिलोय स्वूनाक की जानकारी दी ।कार्यशाला में स्नातकोत्तर के ४० प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस दौरान डॉक्टर पीसी पालीवाल डॉक्टर डीएन जोशी डॉक्टर दीपक खाती आदि रहे।
नैनीताल : उत्तराखंड में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने की है आवश्यकता – प्रो. ललित तिवारी
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