राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों में मूलभूत साक्षरता व संख्या ज्ञान के कौशल को विकसित करने के लिए ‘निपुण भारत’ का हुआ शुभारंभ

Spread the love

अल्मोड़ा। करीब 35 साल के बाद हमारे देश भारत मे 1986 में तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के स्थान पर आज की आवश्यकताओं के आधार पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्थान ले रही है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं का क्रियान्वयन विद्यालय से राष्ट्रीय स्तर तक यह शुरू हो चुका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों में मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान के कौशल को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत मुख्य कार्यक्रम ‘निपुण भारत'( नेशनल इनिशिएटिव फ़ॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग अंडर स्टैंडिंग इन न्यूमेरेसी) की शुरुआत हो गई है। जिसके तहत ‘निपुण भारत का सपना सब बच्चे समझें, भाषा और गणना’ की कल्पना की गई है।


निपुण (NIPUN)भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य है कि 3 से 9 आयुवर्ग के बच्चों की अधिगम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बुनियादी साक्षरता में मौखिक भाषा का विकास, शब्दो का ज्ञान, लेखन, पढ़ने की आदत, ध्वनि बोध, समझ के साथ धाराप्रवाह पठन आदि संख्या ज्ञान में प्रारंभिक गिनती की अवधारणा मापन संख्या व संख्या संबंधी कार्य, आकार और स्थानिक समझ प्रमुख है। बता दें कि 3 से 9 आयुवर्ग के लिए बुनियादी साक्षरता एवं संख्या का ज्ञान से पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए निष्ठा प्रशिक्षण (नेशनल इनिशिएटिव फ़ॉर स्कूल हैड एंड टीचर्स होलीस्टिक डेवलपमेंट) बीते 2 वर्षों से चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत ऑफलाइन व ऑनलाइन प्रशिक्षण में शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए विभिन्न मॉड्यूल रखे गए हैं जो न सिर्फ खुद को बल्कि अभिभावकों के लिए भी हितकारी सिद्ध होंगे बल्कि छात्रों और छात्राओं को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाएगा।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के इन्हीं कार्यक्रमों में दिशा निर्देश के तहत डायट अल्मोड़ा में भी स्कूल रेडिनस कार्यक्रम ‘आरोही’ एवं 100 डेज रीडिंग कैम्पेन अभियान चलाया जा रहा है। ‘आरोही’ कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. हेम चंद्र जोशी ने बताया कि बाल वाटिका में प्रवेश करने वाले और कक्षा एक में नए एडमिशन लेने वाले बच्चों के लिए 90 दिनों का यह कार्यक्रम सीखने, पढ़ने और लिखने की बुनियादी दक्षताओं को प्राप्त करेगा। इसी तरह नई शिक्षा नीति 2020 को 100 डेज रीडिंग अभियान में भी जनवरी 2022 माह से अप्रैल 2022 तक पढ़ने की आदत एक से चार के बच्चों में कैसे विकसित की जाए इस पर डायट अल्मोड़ा में सम्पूर्ण ज़िलें में 11 विकास खंडों के 107 संकुलों से 214 प्राथमिक शिक्षकों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में 4 मार्च शुक्रवार को 6 विकासखंडों के 54 संकुल के 108 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। और कल यानी 5 मार्च को अन्य 5 विकासखंड के 53 संकुल के 106 शिक्षकों के साथ साथ समस्त ग्यारह विकास खंडों के उप शिक्षा अधिकारी भी प्रतिभाग करने जा रहें है। कार्यशाला में 11 विकास खंड के 11 डायट केयर मेंटर भी शैक्षिक अनुसमर्थन के लिए प्रशिक्षण कर रहे हैं।


214 प्रतिभागी शिक्षक इसके जनपदीय कार्यशाला के उपरांत अपने अपने विकासखंड में भी समस्त भाषा के गणित के प्राथमिक शिक्षकों का अभिमुखीकरण करेंगे।
इस कार्यशाला में देहरादून से आए एस.सी.ई.आर.टी. के राज्य समन्वयक/ पर्यवेक्षक डॉ के. एन. विज्लवाण ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बताया। डॉ.बिजल्वाण ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनकी मूलभूत आवश्यकताओं के शुरुआती भाषा व संख्या ज्ञान के कौशलों पर अध्यापक व अभिभावक दोनों ध्यान देंगे ताकि बच्चो को मूलभूत भाषाई और गणितीय ज्ञान के मजबूत आधार के साथ जीवन में आगे बढ़ सके।
कार्यक्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र भट्ट द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया और राष्ट्रीय कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी पर वादित लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया। डायट प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सिंह ने सभी शिक्षकों को इस कार्यक्रम में बच्चों को शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने की बात कही। जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सत्यनारायण ने भी केंद्र एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुपालन की बात कही। कार्यक्रम में मुख्य संदर्भ दाता डॉक्टर हेम जोशी,डॉ भुवन चन्द्र पांडेय,एम एस भंडारी, डॉ दीपा जलाल,गोपाल गिरी गोस्वामी,के अलावा तमाम लोग मौजूद रहे।


निपुण भारत के कार्यक्रम स्कूल रेडिनेस ‘आरोही’ में सहयोगी संस्था ‘रूम टू रीड’ की जनपद संयोजक स्मृति गुप्ता भी सहयोग कर रही हैं । साथ ही 100 डेज रीडिंग अभियान की सहयोगी संस्था APF (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन) के संदीप कुमार और सोनालिका भी सहयोग कर रहे है।
कार्यशाला में जीएस गैड़ा, एल. एम. पांडे,पुष्पा बोरा,डॉ. हरीश चंद्र जोशी,अशोक बनकोटी,अदिति,अभिनव,दीपक,नृपेंद्र,चंपा देवली,सुनीता देवी,दिनेश बिष्ट ,राजेन्द्र कुमार, का भी सहयोग रहा। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ. हेमचन्द्र जोशी व भुवन चन्द्र पांडेय ने संयुक्त रूप से किया।

error: Content is protected !!