रेलवे ट्रेक के बाद अब गौला नदी का रुख गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की ओर हो गया है जिससे भू-कटाव हो रहा है। स्टेडियम की सरहद से गौला की दूरी महज 16 कदम रह गई है। इससे क्रिकेट ग्राउंड पर भी खतरा मंडराने लगा है।
जनता के 173 करोड़ रुपये से बना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम सियासी मैदान बन गया है। कांग्रेस कार्यकाल में स्टेडियम का लोकार्पण हुआ। यहां फरवरी 2016 में अंतरराष्ट्रीय रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली रिटर्न्स रेसलिंग प्रतियोगिता हुई। उसके बाद राज्य में सरकार बदल गई और 2017 में भाजपा सरकार बनी। स्टेडियम में अब तक क्रिकेट मैदान, स्वीमिंग पूल, एथलेटिक्स, वॉलीबाल, टेबल-टेनिस कोर्ट आदि तैयार हो चुके हैं, लेकिन सियासी जंग में उलझे इस स्टेडियम का लाभ आम जनता को पूरी तरह नहीं मिल पा रहा है। इन दिनों स्टेडियम बदहाली के दौर से गुजर रहा है। संवाद गौला के बहाव से स्टेडियम की उत्तर दिशा में कटाव होने के साथ ही कई जगह दरारें पड़ गई हैं। एक बड़ा हिस्सा पहले ही नदी के कटाव में बह चुका है। स्टेडियम की भूमि से टकराते हुए नदी कुछ दूर जाकर पश्चिम की ओर होते हुए दूसरे छोर की तरह चली जा रही है। इससे पहले रेलवे ने स्टेडियम के पीछे की ओर गौला नदी को चैनलाइज किया था। इसी स्थान से करीब 200 मीटर दूर उत्तर-पूर्व की ओर अब गौला नदी से कटाव शुरू हो गया है। स्टेडियम के चारों ओर इंटरलॉक टाइल पर ही घास उग चुकी हैं। इसके पास में लगी बैंच भी बदहाल हो चुकी है। स्टेडियम के चारों तरफ लगे हाइड्रेंट क्षतिग्रस्त हैं और इनमें जंग लग चुका है। इतना ही नहीं, परिसर में कई मैनहोल खुले पड़े हैं। वहीं, खंभों पर जंग लगने लगी है। सबसे ऊपर लगे नारंगी रंग के महंगे स्टेंसिल भी फट चुके हैं।