पंगूट क्षेत्र ने मिली गणेश भगवान की प्राचीन खंडित मूर्ति

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नैनीताल। नैनीताल के पंगूट मोटर मार्ग पर किलोमीटर पांच में हिमालय दर्शन और सत्यनारायण मंदिर के बीच स्थित वन विभाग द्वारा निर्मित नौले के पास एक प्राचीन और खंडित गणेश प्रतिमा पाई गई है।

बता दें कि रविवार की सुबह भ्रमण के दौरान लोनिवि के सेवानिवृत्त सहायक अभियंता प्रवीण गुरुरानी की नजर इस प्रतिमा पर पड़ी जो नौले की दीवार से सटी हुई थी। पत्थर से बनी इस प्रतिमा ने अपनी सुंदरता और उत्कृष्ट शिल्पकला से गुरुरानी का ध्यान आकर्षित किया हालांकि प्रतिमा खंडित अवस्था में है। गुरुरानी ने अद्वितीय मूर्तिकला की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को समझते हुए सुझाव दिया है कि इस प्रतिमा की जांच कराकर इसे किसी उपयुक्त स्थान संग्रहालय में संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस विषय को उजागर करने के लिए फेसबुक पर एक पोस्ट भी साझा की है जिसमें इस प्रतिमा की स्थिति और उसके संभावित इतिहास पर चर्चा की गई है।

इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व भूर्गभ शास्त्री सतीश जैन ने बताया कि इस गणेश प्रतिमा का निर्माण ढोलपुर स्टोन से किया गया है और इसे लगभग 100 वर्ष पुराना माना जा सकता है। यह जानकारी प्रतिमा की ऐतिहासिकता और उसके संरक्षण की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।

 

गुरुरानी का मानना है कि यह प्रतिमा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर है और इसे उचित स्थान पर पुनस्र्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने अपील की है कि इस प्रतिमा को उठाकर सही स्थान पर स्थापित किया जाए ताकि यह आने वाली युवा पीढियों के लिए सुरक्षित रह सके और इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बरकरार रखा जा सके।

बता दें कि इस महत्वपूर्ण मामले में केवल एक प्राचीन मूर्तिकला के संरक्षण की आवश्यकता को उजागर किया गया है बल्कि यह भी स्पष्ट किया गया है कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए सामुदायिक जागरूकता और प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं। अब यह देखना होगा कि इस गणेश प्रतिमा को उचित संरक्षण और सम्मान मिलेगा या नहीं?

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