देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगामी 14 जनवरी को उत्तरायणी पर्व पर नई सौर ऊर्जा नीति लांच करेंगे। इस संशोधित नीति को आगामी कैबिनेट में रखा जाएगा। जलविद्युत परियोजनाओं के बूते ऊर्जा प्रदेश बनने की उम्मीदों को पर्यावरणीय बंदिशों के कारण झटका लगने के बाद सरकार सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार का साहसिक निर्णय लेने जा रही है। पर्यावरण के पूरी तरह अनुकूल सौर ऊर्जा के माध्यम से हरित ऊर्जा प्रदेश बनने की राह पर उत्तराखंड तेजी से आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विशेष तैयारी के साथ नई ऊर्जा नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उत्तरायणी पर्व के अवसर पर इस नीति को क्रियान्वित किया जाएगा। नई नीति को तीन चरणों में धरातल पर उतारा जाएगा। पहले चरण में उत्तराखंड प्रदेश के 25 वर्ष पूरे करने के अवसर पर यानी वर्ष 2025 तक 2000 मेगावाट और सरकार के पांच वर्ष पूरे होने यानी वर्ष 2027 तक 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखने की तैयारी है। वर्ष 2070 तक 10 से 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने की तैयारी है। धामी सरकार सौर ऊर्जा नीति का दायरा बढ़ा रही है। अभी पर्वतीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जाता रहा है। अब मैदानी क्षेत्रों में भी हरित ऊर्जा का विस्तार होगा।