नई दिल्ली। रवि शास्त्री ने हाल ही में आई अपनी किताब ‘स्टारगेजिंग’ में क्रिकेट से जुड़े कई रोचक किस्से बताए हैं। इन्हीं में से एक किस्सा पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद से जुड़ा हुआ है। रवि शास्त्री ने इसमें बताया है कि एक बार वह गुस्से में जूता लेकर जावेद मियांदाद को मारने के लिए दौड़े थे। तब पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान और मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान को बीच-बचाव करना पड़ा था। बात है साल 1987 की है। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम 5 टेस्ट और 6 वनडे मैच की सीरीज खेलने के लिए भारत आई हुई थी। सीरीज का तीसरा वनडे 20 मार्च 1987 को हैदराबाद में खेला गया। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने 7 रन के भीतर ही सुनील गावस्कर और कृष्णामचारी श्रीकांत के विकेट गंवा दिए। इसके बाद रमन लाम्बा ने मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर स्कोर को 50 के पार पहुंचाया। हालांकि, 53 रन के स्कोर पर अजहर भी पवेलियन लौट गए। उनकी जगह आए सदानंद विश्वनाथ भी एक रन ही बना पाए। टीम का स्कोर जब 95 रन था, तब रमन लाम्बा ने भी पवेलियन की राह पकड़ ली। इसके बाद रवि शास्त्री और कप्तान कपिल देव ने पांचवें विकेट लिए 112 रन की साझेदारी की। कपिल 59 रन के निजी स्कोर पर इमरान खान की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए। शास्त्री 69 रन बनाकर अंत तक नाबाद रहे। इस तरह भारत ने 44 ओवर में 6 विकेट पर 212 रन का स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की ठीक-ठाक शुरुआत हुई। एक समय वह मैच जीतती हुई दिख रही थी, लेकिन स्कोर टाई हो गया। मैच की आखिरी गेंद पर पाकिस्तान को जीत के लिए दो रन चाहिए थे। अब्दुल कादिर स्ट्राइक पर थे। वह शॉट मारकर दो रन के लिए दौड़े, लेकिन दूसरा रन लेने के चक्कर में रनआउट हो गए। इस तरह स्कोर बराबर हो गया और तब के नियमों के मुताबिक, भारत को विजेता घोषित कर दिया गया। दरअसल मैच में भारत ने 6 और पाकिस्तान ने 7 विकेट खोकर 212.212 रन बनाए था। भारतीय टीम एक विकेट कम खोने के चक्कर में मैच जीत गई। मैच हारने के बाद पाकिस्तान के जावेद मियांदाद चीखते हुए भारतीय ड्रेसिंग रूम में घुस गए।
सुनील बोरा
संपादक